| در مورد قول جازم به لغت يونان که توجه شود، احتياج به کلمات وجوديه داريم.../ صفحه 334/ سطر 16 |
1402/01/19 |
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| قول جازم چه حمليه چه شرطيه اقسامي دارند.../ صفحه 332/ سطر 9 |
1402/01/17 |
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| مراد از مرکب ،مرکب در مسموع است يعني در واقع مفرد بود اما مرکب شنيده ميشد مانند عبدالملک/ صفحه 329/ سطر 1 |
1402/01/16 |
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| در صورتي که ادعاء مجيب صادق باشد قياسي که سائل مي اورد خلاف مدعي مجيب نشان ميدهد/ صفحه |
1402/01/15 |
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| ادعاء مجيب سه حالت دارد مثلا اگر ادعا او مشهور است ادعاء سائل شنيع است/صفحه 321/ سطر13 |
1402/01/14 |
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| در ادامه سفارشات به مجيب/ صفحه 323/ سطر 14 |
1402/01/13 |
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| در بدست اوردن حجت استفاده کردن از حد نافع است/ صفحه 318 /سطر 11 |
1402/01/12 |
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| سائل بايد قيودي بياورد که نتواند نقض کند/ صفحه 315/ سطر 2 |
1402/01/10 |
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| مجيب استقراء ميکند بعد توسط سائل قاعده کلي او نقض ميشود/ صفحه312/ سطر 14 |
1402/01/09 |
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| الفصل الثاني در مورد سفارشات به سائل در باره احوال قياس و استقرار/ صفحه311/ سطر 1 |
1402/01/08 |
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| غرض خودش سائل يعني اظهار کند مطلوبي را اما در نظر بگيرد مطلوب ديگر را.../ صفحه 306/ سطر 16 |
1402/01/07 |
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| نتيجه بايد از مجيب مخفي شود وسائل بايد آنچه را که مورد احتياج او است را خلط کند/ صفحه 304/ سطر 8 |
1402/01/06 |
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| سائل و مجيب چطور از مواضع استفاده کنند؟/صفحه 301/ سطر 1 |
1402/01/05 |
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| ادامه موضع هو در ضمن بيان مثال خلاء/ صفحه 296/ سطر 2 |
1401/12/24 |
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| تبيين اشکال در صورتي که دو شي از بقيه افضل باشند و در يک ترتيب بايد يکي باشند اما موردي است/ صفحه 294/ سطر 17 |
1401/12/23 |
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| بيان مواضع هو يعني اين شي همان است يا همان نيست و بيان مراد از واحد چيست؟/ صفحه 293/ سطر 1 |
1401/12/22 |
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| موضع ديگر در مورد حد اگر دو چيز را با هم قرار داديم بوسيله کلمه مع بايد نوع معيت هم مشخص شود/ صفحه 288/ سطر 8 |
1401/12/21 |
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| بيان مواضع حد اگر محدود کلا بود و اجزا امد در تعريف بايد اجزا قابليت اجتماع داشته باشند/ صفحه 286/ سطر 12 |
1401/12/20 |
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1401/12/16 |
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1401/12/15 |
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| در تعريف معرف مرکب در صورتي که يک جز تعريف ساقط شود |
1401/12/14 |
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| در تعريف معرف مرکب شرط است که جز تعريف شوند/ صفحه 278/ سطر 6 |
1401/12/13 |
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| موضعي که واجب در حد رعايت شود مانند تعريف بايد قيد قابل و زمان هم در تعريف او اورده شود/ صفحه 276/ سطر 7 |
1401/12/10 |
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| درتعريف اضافه اينکه ميايد تخصيص ميزند به منزله جنس رو به خلاف مثال قبل در اين مثال ميدهد/ صفحه 274/ سطر 11 |
1401/12/09 |
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| يکي ديگر از مواضعي که نبايد در تعريف بيايد اين که نبايد وسيله غايت به جاي غايت در تعريف بيايد/ صفحه 272/ سطر 3 |
1401/12/08 |
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| يکي از مواضعي که نبايد در حد اورده شود اين است که نبايد دو چيزي که با هم جمع نميشود در حد اورده شود.../ صفحه271/ سطر 1 |
1401/12/07 |
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| ادامه بيان معاني الان در ضمن مثال غير فاسد قسم سوم آن اين است که.../ صفحه 267/ سطر 18 |
1401/12/06 |
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| اگر درتعريف معرف جنس و فصل اي که نسبت به واسطه دارد به شي اي نياريد و نسبت جديد شي با واسطه اين تعريف خوبي نيست/ صفحه 266/ سطر 10 |
1401/12/03 |
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| صفحه 265/ سطر 1 |
1401/12/02 |
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| صفحه 264/ سطر 2 |
1401/12/01 |
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| اگر محدود و معرف مضاف بود بايد فصل موجود در حد هم بايد مضاف باشد/ صفحه 263/ سطر1 |
1401/11/30 |
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| در تعريف حدي شرط است / صفحه 261/ سطر 12 |
1401/11/26 |
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| جنس در و بود مقدم بر فصل است چون عام است.../ صفحه 260/ سطر 17 |
1401/11/25 |
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1401/11/18 |
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1401/11/17 |
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1401/11/16 |
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| اشکالي که به تعريف طول بلاعوض وارد است آيا ميشود عذر براي اصحاب افلاطوني هم باشد؟/ صفحه 256/ سطر 15 |
1401/11/12 |
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| اين تعريف الخططول بلا عرض نوع و جنس يکي ميشوند فقط به قول اصحاب / صفحه 256/ سطر 4 |
1401/11/11 |
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| در تعريف خط به طول بلا عرض اشکالي است که به اصحاب مثل افلاطوني وارد است اما به ابن سينا وارد نيست/ صفحه 255/سطر 3 |
1401/11/10 |
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| آورنده حد واجب را ترک ميکند يا به نحو اغفال واجب / صفحه 253/ سطر 10 |
1401/11/09 |
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| يکي ازمتضايفان در تعريف اخذ شود بايد علي وجه الا وفق يکي را در تعريف ديگري آورد/ صفحه 251/سطر 15 |
1401/11/08 |
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| مواضعي که اجزاء حد اعم نيست از محدود و حد تشکيل نميشود در متقابلات است/ صفحه 250/ سطر 14 |
1401/11/04 |
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| هيچ ماهيتي دو حد ندارد هم چند ممکن چقدر سم داشته باشد/ صفحه249/ سطر 11 |
1401/11/03 |
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| حد در چه صورتي مشتمل بر تکرار است؟/صفحه 247/ سطر 12 |
1401/11/02 |
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| ادامه بحث در مواضعي که اورنده حد فضل و اضافه مي اورد/ صفحه 246/ سطر 8 |
1401/11/01 |
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| بيان بحثي که ملحق به بحث در لفظ مانند آوردن تعريف به ضد / صفحه 245/ سطر 5 |
1401/10/28 |
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| تعريفي که مشتمل بر استعاره است/ صفحه 244/ سطر 5 |
1401/10/27 |
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| تعريفي که مرتبط به لفظ مشترک است و اشتراک مخل به تعريف است/ صفحه 243/ سطر 12 |
1401/10/26 |
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| حمل بالقوه به مخصوص در مثال بالمثال الموجود فاعل يا منفعل فرق دارد/ صفحه 235/ سطر 14 |
1401/10/21 |
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| شرايط صحت حد در اينکه بتواند به محدود حمل شود/ صفحه 242/ سطر 5 |
1401/10/20 |
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| بيان موضعي که در آن خاصه اي براي يک مخصوص اقل است/ صفحه 237/ سطر 4 |
1401/10/19 |
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| بيان ارسطو در تعليم اول در مورد مناسبت بين مخصوص و خاصه/ صفحه 234/ سطر 17 |
1401/10/18 |
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| خلاصه مناسبتش با مخصوص اقل باشد يا اکثر مناسبت اقل با اکثر است نه خود خاصه و مخصوص/ صفحه 233 / سطر 10 |
1401/10/17 |
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| بيان فرق اکثر و اولويت که نبايد با هم قياس شوند/ صفحه 232/ سطر 15 |
1401/10/14 |
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| موضع ديگري مربوط به خاصه از حيص اقل و اکثر / صفحه 232/ سطر 1 |
1401/10/13 |
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| خاصه بايد مربوط به نوع و ماهيت شي باشد تا بتواند خاصه باشد/ صفحه 230/ سطر 16 |
1401/10/12 |
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| حکم شي واحد نسبت به دو شي واحد است يا مختلف است؟/ صفحه 230/ سطر 1 |
1401/10/11 |
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| بحث در مواضع مشترکه خاصه، در مورد تعاريف و نسبه/ صفحه 228/ سطر 7 |
1401/10/10 |
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| تبيين مواضع خاصه در ذيل مثال قوه فکريه و قوه شهويه / صفحه 227 / سطر 9 |
1401/09/30 |
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| بيان مواضع خاصه / صفحه 226/ سطر 8 |
1401/09/29 |
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| بررسي نادرست بودن اينکه شي را خاصه براي خودش نميشود قرار داد؟/ صفحه 224/ سطر 14 |
1401/09/28 |
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| بررسي معمولات که نحوه حمل ها فرق دارند/ صفحه223/ سطر 1 |
1401/09/26 |
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| نحوه به غلط انداختن مخاطب توسط مجادله/ صفحه 221/ سطر 14 |
1401/09/23 |
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| آيا خاصه ملکه ميتواند خاصه ذي الملکه باشد؟/ صفحه 220/ سطر 13 |
1401/09/22 |
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| بيان مغالطه که مربوط به مثال اول بود/ صفحه 219/ سطر 15 |
1401/09/21 |
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| در صورتي فاصله نوع است که آن نوع موصوف به دو صفت خاصه براي دو صفت باشد/ صفحه219/ سطر 6 |
1401/09/20 |
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| بيان مغالطه در مورد خاصه بودن ضحاک براي ابيض و خجل/ صفحه 218/ سطر 5 |
1401/09/19 |
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| واقع شدن مخصوص به عنوان محمول مخالف طبع است/ صفحه 217/ سطر 1 |
1401/09/15 |
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| ادامه بحث در ضرورت داشتن آوردن جنش در تعريف رسمي/ صفحه 214/ سطر 18 |
1401/09/14 |
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| در تعريف رسمي لازم است جنس آورده شود/ صفحه 214/ سطر 1 |
1401/09/13 |
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| بعضي از اقسام تقابل خاصه واقع مي شوند/ صفحه 212/ سطر 14 |
1401/09/12 |
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| خاصه آيا ميشود تکرار شود در تعريف رسمي/ صفحه 211/ سطر 11 |
1401/09/09 |
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| ادامه مبحث قبل/ صفحه 209/ سطر 14 |
1401/09/08 |
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| خاصه در معني مخصوص معرف است يا متبين مفهوم مخصوص است/ صفحه 208/ سطر 16 |
1401/09/07 |
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| موضع ديگر در مورد بودن خاصه نسبت به مخصوص/ صفحه208/ سطر 5 |
1401/09/06 |
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| مبحث در عرض خاصه که آيا ميتواند معرف مرسوم باشد يا خير/ صفحه 207/ سطر 1 |
1401/09/05 |
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| مواضع ديگر در اثبات جنسيه/ صفحه 201/ سطر 14 |
1401/09/02 |
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| ادامه بحث در مورد جنسيه / صفحه 200 / سطر 13 |
1401/09/01 |
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| ادامه بحث مواضع جنسيه/ صفحه 200/ سطر 13 |
1401/08/30 |
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| موضع ديگر در مورد جنس نبودن مانند لون الابيض/ صفحه 199/ سطر 9 |
1401/08/29 |
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| ادامه بيان قانون کلي در مورد ابيض/ صفحه 198/ سطر 1 |
1401/08/28 |
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| جنس نبودن ابيض به دليل تحصلش/ صفحه 196/ سطر 9 |
1401/08/25 |
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| تقابل دو شهرت که يکي اشهر باشد/ صفحه 195/ سطر 16 |
1401/08/24 |
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| همراه شدن طبيعت نوعي با عرضي که کشي واحد اخذ شده/ صفحه 194/ سطر 15 |
1401/08/23 |
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| در مواردي که حمل معروض اشتباه با جنس ميشود/ صفحه 193/ سطر 14 |
1401/08/22 |
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| نظريه مفسرين اينکه منفعل جنس انفعال است همان موضع قبل است/ صفحه 192/ سطر 14 |
1401/08/21 |
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| ادامه تقسيم کلام ارسطو در مورد مثال ريح و هوا/ صفحه 192/ سطر 1 |
1401/08/18 |
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| ادامه بحث در مورد مواضع جنسيه/ صفحه 191/ سطر 1 |
1401/08/17 |
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| سنجيدن دو امر با امر واحد /صفحه 189/ سطر 10 |
1401/08/16 |
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| شي واحدي که به او دوام حمل شد/ صفحه 188/ سطر 10 |
1401/08/15 |
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1401/08/11 |
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| ماده شي جنس شي نمي شود/ صفحه 186/ سطر 6 |
1401/08/09 |
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| جزء شي جنس شي نميشود/ صفحه 185/ سطر 9 |
1401/08/08 |
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| فصل سوم از مواضع اي که باطل ميکند جنس را/ صفحه 184/ سطر 1 |
1401/08/07 |
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| اقسام امور لازم الاضافه/ صفحه 183/ سطر 7 |
1401/08/04 |
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| بحث در موارد جنسيه با توجه به مقوله اضافه/ صفحه 182/ سطر 4 |
1401/08/03 |
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| بحث مواضع جنسيه/ صفحه 181/ سطر 4 |
1401/08/02 |
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1401/08/01 |
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1401/07/30 |
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| مواضع مشترک بين جنس و نوع/ صفحه 179/ سطر 1 |
1401/07/27 |
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| مواضع الجنسيه از جهت اضداد/ صفحه 178/ سطر 3 |
1401/07/26 |
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| مواضع الجنسيه از جهت اضداد/ صفحه 177/ سطر 6 |
1401/07/25 |
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1401/07/24 |
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1401/07/23 |
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1401/07/20 |
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1401/07/19 |
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1401/07/18 |
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| ادامه بحث در مواضع جنسيه/ صفحه 169/ سطر9 |
1401/07/17 |
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| يکي ديگر از مواضع ابطال جنسيه/ صفحه 168/ سطر 7 |
1401/07/16 |
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| ادامه مواضع شناخت جنس کلي از جنس ديگر/صفحه 166/ سطر 18 |
1401/07/12 |
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| مواضع شناخت جنس کلي از جنس ديگر/صفحه 166/ سطر 3 |
1401/07/11 |
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| تقديم مواضع حديه بر مواضع جنسيه/صفحه 165/ سطر 1 |
1401/07/10 |
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1401/07/06 |
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1401/07/05 |
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1401/06/12 |
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1401/06/11 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 110 / سطر 14 |
1401/06/10 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 108 / سطر 9 |
1401/06/09 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 106 / سطر 17 |
1401/06/08 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 105 / سطر 16 |
1401/06/07 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 104 / سطر 16 |
1401/06/06 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 103 / سطر 13 |
1401/06/05 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 98 / سطر 7 |
1401/06/04 |
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| فن ششم منطق شفا جدل/ صفحه 96 / سطر 11 |
1401/06/03 |
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